प्रधानमंत्री ने लांच की Health ID Card एवं नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन योजना- हेल्थ कार्ड के जरिये कोई भी व्यक्ति अब अपने स्वास्थ्य संबंधी समस्त डाटा को एक जगह स्टोर कर सकेगा। और भी कई फायदे मिल सकेंगे हेल्थ आईडी कार्ड के माध्यम से
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2020 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से अपने भाषण के दौरान एक नयी योजना National Digital Health Mission के शुभारम्भ की घोषणा की। योजना की घोषणा के बाद से एक शब्द काफी चर्चा में है वो है Health ID card तो आइये इस पोस्ट के जरिये हम आपको बताने का प्रयास करते है की क्या है हेल्थ आईडी कार्ड एवं नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन योजना से इसका क्या संबंध है।
कोरोना वायरस महामारी के बाद अब विश्व के सभी देश स्वास्थ्य सुविधाओं को और मजबूत करने के प्रयासों में लगे हुए है । भारत भी इसी दिशा में अपने हेल्थ सेक्टर को मजबूत करने के प्रयास कर रहा है । इन्ही प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री द्वारा स्वाधीनता दिवस के दिन National Digital Health Mission Scheme को लांच किया गया। Health Identity Card इसी योजना का एक हिस्सा है जिसके जरिये भारत के सभी नागरिक अपने स्वास्थ्य संबंधित सभी रिकॉर्ड को एक जगह डिजिटल प्लेटफार्म पर स्टोर कर सकेगा।
आसान भाषा में जानिए हेल्थ आईडी कार्ड क्या है
दरसल हेल्थ आईडी कार्ड किसी भी व्यक्ति का Medical Date स्टोर करने का एक डिजिटल प्लेटफार्म है जिसमे की कोई भी अपने अनुसार पसंद से जुड़ सकेगा । आप चाहे तो इसे अपने यूनीक आईडी (आधार कार्ड) से भी जोड़ सकेंगे । खबरों के अनुसार इसमें व्यक्ति की निजता का पूर्ण ध्यान रखा जाएगा।
आज से देश में एक और बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है।
ये है नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन।
नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, भारत के हेल्थ सेक्टर में नई क्रांति लेकर आएगा: PM @narendramodi #AatmaNirbharBharat
— PMO India (@PMOIndia) August 15, 2020
Health ID Card के फायदे
नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन योजना के तहत भारत के सभी नागरिको का आधार कार्ड की तरह ही एक डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड होगा। जहा पर वह व्यक्ति अपने स्वास्थ्य से जुडी जानकारी जैसे की बीमारी से जुडी जानकारी, टेस्ट रिपोर्ट, डायग्नोसिस आदि एक जगह संग्रहित कर सकेगा। हेल्थ आईडी कार्ड की मदद से आपको अब अस्पताल या डॉक्टर के जाते वक्त पर्चियां टेस्ट रिपोर्ट आदि को लेकर नहीं जाना पड़ेगा। इसके जरिये डॉक्टर भी आपकी बीमारी से संबंधित पुरानी जानकारी अथवा रिपोर्ट देख कर बेहतर इलाज देने का प्रयास कर सकेंगे